Monday, 30 March 2015

Rajput Kavita

हम उस राम के वँशज है,,,
जिसने रावण को मारा था..!
हम उस हरिशचँद्र के बेटे है,,,
जिसे सत्य सदा प्यारा था..! |

कँस का जिसने अँत किया,,,
वो कृष्ण भी हमारा है..!
पापियोँ के चक्रव्युह को तोडा,,,
वो अभिमन्यु क्षत्रिय प्यारा था..! |

दुरगादास ने जे धरम निभाया,,,
वो धर्म जग मेँ न्यारा था..!
पापियो का नाश करने मेँ पापियोँ को भी क्षत्रियोँ का सहारा था,,,|

अकबर को ताउमर जिसने भगाया,,,
वो महाराणा भी हमारा है...!
जिस भरत से भारत का नाम हूआ,,,
वो भरत भारत का सितारा है..! 

फिर हम क्षत्रियो को दुनिया ने कयो बिशारा है ?
नतीजा देखॅ आज चारो तरफ पाप का पशारा है..! 

उठो जागो ओर बढो क्षत्रियो आज फिर देश पुकार रहा,,,
पकडो क्षत्रिय पथ को जिसका हम पर बहुत उपकार रहा..!

हनुमान को जब भुला बल याद आया तो लँका जाके सीता जी का पता लगाया,,,
आज हमेँ भी अपने पुराने गौरव को याद करना है इतिहास के पन्नो को फिर हमारे क्षत्रिय रक्त से भरना है..! 

॥  जय राजपुताना  ॥ 


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