चलता रहा हूँ अग्निपथ पर
चलता चला जाऊँगा
राजपूत बन कर जन्म लिया मैंने
राजपूत बन कर ही मर जाऊंगा
राजपूता ने का संतान हूँ
रुकना मैंने सीखा नहीं
महाकाल का भक्त हूँ
झुकना मैंने सीखा नही
ह्रदय में जो धड़क रहा है
वो धड़कन तेरे नाम का
रगो में जो बह रहा है
वो लहू है राजपूताना का
।। जय माताजी ।। ।। जय राजपुताना ।।
चलता चला जाऊँगा
राजपूत बन कर जन्म लिया मैंने
राजपूत बन कर ही मर जाऊंगा
राजपूता ने का संतान हूँ
रुकना मैंने सीखा नहीं
महाकाल का भक्त हूँ
झुकना मैंने सीखा नही
ह्रदय में जो धड़क रहा है
वो धड़कन तेरे नाम का
रगो में जो बह रहा है
वो लहू है राजपूताना का
।। जय माताजी ।। ।। जय राजपुताना ।।
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